केंद्रीय हिंदी निदेशालय की प्रकाशन योजनाओं में भाषा, वार्षिकी, साहित्यमाला उल्लेखनीय प्रकाशन हैं । इन प्रकाशनों का मुख्य उद्देश्य भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में परिगणित भारतीय भाषाओं के अंत:संबंधों का अन्वेषण करना और उनका आपसी परिचय प्रगाढ़ करना है । इन प्रकाशनों का संक्षिप्‍त विवरण इस प्रकार है :-

भाषा

वर्ष 1961 से नियमित रूप से यह हिंदी पत्रिका प्रकाशित की जा रही है। यह पत्रिका दिसंबर 1991 तक त्रैमासिक थी। जनवरी, 1992 के आरंभ से इसका प्रकाशन निरंतर द्वि-मासिक पत्रिका के रूप में हो रहा है। भाषा पत्रिका में भाषाविज्ञान, व्याकरण, तुलनात्मक भारतीय साहित्य और साहित्य की विभिन्‍न विधाओं पर आलोचनात्मक लेख तथा सामयिक विषयों पर वैचारिक लेख प्रकाशित किए जाते हैं। इसके साथ ही हिंदी की मूल तथा संविधान स्वीकृत अन्य भारतीय भाषाओं की हिंदी में अनूदित कहानियाँ व कविताएँ तथा हिंदी में अद्यतन प्रकाशित पुस्तकों की समीक्षाएँ भी प्रकाशित की जाती हैं।

भाषा के माध्यम से निम्‍नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति साध्य है -

  • शिक्षा, कला, विज्ञान, अनुसंधान, कानून और शासन आदि के लिए अन्य भारतीय भाषाओं से शब्द ग्रहण करके हिंदी को समृद्ध करना;
  • हिंदी को सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों का सशक्‍त और प्रभावशाली माध्यम बनाने के उद्देश्य से उसकी प्रकृति के अनुकूल प्रादेशिक भाषाओं का सहयोग प्राप्‍त करना;
  • समस्त भारतीय भाषाओं के बीच समानता की खोज करना और आदान-प्रदान का द्वार खोलना।

प्रत्‍येक वर्ष पत्रिका के छह अंक प्रकाशित किए जाते हैं। वर्षभर में प्रकाशित होने वाले भाषा के छह अंकों में से एक या दो अंक विषय-विशेष पर केंद्रित विशेषांक होते हैं।

भाषा के अब तक प्रकाशित विशेषांकों में से कुछ उल्लेखनीय विशेषांक निम्‍नलिखित हैं:-

  • लिपि विशेषांक (1968)
  • हिंदी भाषाविज्ञान अंक (1973)
  • विश्‍व हिंदी सम्मेलन अंक (1975)
  • बाल विशेषांक (1979)
  • प्रेमचंद विशेषांक (1981)
  • रजत जयंती विशेषांक (मार्च-मई, 1985)
  • देवनागरी लिपि एवं मानक वर्तनी विशेषांक (मार्च-अप्रैल, 1996)
  • संत कबीर विशेषांक (मई-जून, 1998)
  • भारतीय लोकगीत विशेषांक (मार्च-अप्रैल, 1999)
  • संपर्क भाषा हिंदी के पचास वर्ष (जुलाई-अगस्त, 2000)
  • डॉ. नगेंद्र स्मृति अंक (मार्च-अप्रैल, 2001)
  • अनुप्रयुक्‍त भाषाविज्ञान विशेषांक (नवंबर-दिसंबर, 2001)
  • सूचना प्रोद्योगिकी एवं भारतीय भाषाएँ विशेषांक (मई-जून, 2002)
  • विदेशों में हिंदी साहित्य (मार्च-अप्रैल, 2003)
  • उत्‍तर-पूर्वी साहित्य विशेषांक (नवंबर-दिसंबर, 2004)
  • लोक साहित्य विशेषांक (जुलाई-अगस्त, 2005)
  • भारतीय यायावर साहित्य विशेषांक (मई-जून, 2006)
  • भारतीय बाल साहित्य विशेषांक (मई-जून, 2007)
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी पर केंद्रित अंक (जुलाई-अगस्त, 2008)
  • रामधारी सिंह दिनकर पर केंद्रित अंक (सितंबर-अक्टूबर, 2008)
  • हरिवंश राय बच्चन पर केंद्रित अंक (नवंबर–दिसंबर, 2008)
  • अज्ञेय विशेषांक (नवंबर-दिसंबर, 2010)
  • कवि शमशेर पर केंद्रित अंक (जनवरी-फरवरी, 2011)
  • कवि नागार्जुन पर केंद्रित अंक (मार्च-अप्रैल, 2011)
  • कवि केदारनाथ अग्रवाल पर केंद्रित अंक (मई-जून, 2011)
  • उपेद्रनाथ अश्क और फैज़ अहमद फैज़ पर केंद्रित अंक (जुलाई-अगस्त, 2011)
  • राम विलास शर्मा विशेषांक (मई-जून 2013)
  • भवानी प्रसाद मिश्र, गोपाल सिंह नेपाली, विष्णु प्रभाकर एवं सआदत हसन मंटो पर केंद्रित अंक (जुलाई-अगस्त 2013)
  • विश्व हिंदी सम्मलेन विशेषांक (जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर 2015)
  • शिवमंगल सिंह सुमन, भीष्म साहनी, डॉ. नगेंद्र, अमृतलाल नागर तथा पंडित गोपाल प्रसाद व्यास जन्मशती विशेषांक (नवंबर –दिसंबर 2015)
  • अभिनवगुप्त और भारतीय साहित्य विशेषांक (सितंबर-अक्टूबर 2016)
  • डॉ. अंबेडकर विशेषांक (जनवरी-फरवरी 2017)
  • भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय चेतना विशेषांक (मार्च-अप्रैल 2017)
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेषांक (सितंबर-अक्टूबर 2017)
  • प्रवासी साहित्य विशेषांक (जनवरी-फरवरी 2018)
  • भारतीय आत्मकथा साहित्य विशेषांक (मार्च-अप्रैल 2018)

वार्षिकी

यह एक वार्षिक पत्रिका है। वार्षिकी में संविधान स्वीकृत सभी भारतीय भाषाओं में वर्ष भर में प्रकाशित साहित्य के आधार पर तथा हिंदी साहित्य की सभी विधाओं पर समीक्षात्मक, सर्वेक्षणात्मक आलेख प्रकाशित किए जाते हैं। वर्ष 1971 से नियमित रूप से प्रकाशित की जा रही इस पत्रिका का उद्देश्य इन सर्वेक्षणात्मक आलेखों के माध्यम से समस्त भारतीय भाषाओं के साहित्य तथा हिंदी भाषा की समस्त साहित्यिक विधाओं के विषय में पाठकों की जानकारी को अद्यतन रखना है। तुलनात्मक भारतीय साहित्य में रुचि रखने वाले साहित्य प्रेमियों के लिए वार्षिकी अत्यंत उपादेय है। अभी तक वार्षिकी 2016 तक के अंक प्रकाशित हो चुके हैं।

साहित्यमाला

भारतीय भाषाओँ की मूलभूत एकता को दृढ़ करने और साहित्य प्रेमियों में विभिन्न भाषाओँ के साहित्य की जानकारी और अभिरूचि में वृद्धि करने हेतु इसका प्रकाशन किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत अनेक महत्‍वपूर्ण ग्रंथों का प्रकाशन हो चुका है।

साहित्यमाला के अंतर्गत अब तक प्रकाशित कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशन इस प्रकार हैं :-

  • भारतीय भाषाओं के साहित्य का संक्षिप्‍त इतिहास
  • भारतीय कविता में राष्‍ट्रीय चेतना
  • भारतीय नाटक एवं रंगमंच
  • भारतीय निबंध
  • जयशंकर प्रसाद : सृजन के विविध आयाम
  • इंदिरा जी का हिंदी प्रेम
  • स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य
  • भारतीय कवयित्रियाँ भाग- । और ।।
  • निराला का कालजयी व्यक्तित्व
  • भारतीय कविता: तीन दशक (1961-1990)
  • भारतीय उपन्यास : अंतिम दशक (1991-2000)
  • हिंदी और विभिन्न भारतीय भाषाएँ : तुलनात्मक अध्ययन (1961-1975)
  • आदिवासी विमर्श
  • पूर्वोत्तर भारतीय साहित्य

भाषा की सदस्यता हेतु निम्‍नलिखित पते पर संपर्क करें :

नियंत्रक
प्रकाशन विभाग
सिविल लाइंस
दिल्ली - 110054
दूरभाष : +91-11 - 23817823 / 9689
फैक्स : +91-11 - 23817846
ईमेल : aeop-dep[at]nic[dot]in, pub[dot]dep[at]nic[dot]in
वेबसाइट :www.deptpub.nic.in

राष्‍ट्रीय-साहित्यिक परिसंवाद

हिंदी-विषयक समसामयिक ज्‍वलंत मुद्दों तथा हिंदी और हिंदीतर भाषी हिंदी लेखकों के सर्जनात्‍मक साहित्‍य पर गंभीर विचार-विमर्श के उद्देश्‍य से वर्ष 1991 में 'भाषा' पत्रिका की ओर से 'साहित्यिक परिसंवाद' कार्यक्रम शुरू किया गया। केंद्रीय हिंदी निदेशालय तथा अग्रणी स्‍वैच्छिक हिंदी संस्‍थाओं / विश्‍वविद्यालयों के हिंदी विभाग के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित इस दो / तीन दिवसीय वार्षिक परिसंवाद में हिंदी-भाषी तथा हिंदीतर भाषी क्षेत्रों के विद्वान खुले मंच पर विचार करते हुए निष्‍कर्षों पर पहुँचने का प्रयास करते हैं। इसमें वक्‍ताओं के पारस्‍परिक विचार-विमर्श के दौरान प्रश्‍नोत्‍तर शैली में श्रोताओं की सक्रिय सहभागिता भी सुनिश्चित की जाती है ताकि विषय की गहन विवेचना को एक सुदृढ़ और प्रामाणिक आधार प्रदान किया जा सके। इस प्रकार परिसंवाद का आयाम कुछ अधिक व्‍यापक है।

भाषा की ओर से आयोजित कुछ महत्‍वपूर्ण परिसंवाद इस प्रकार हैं –

क्रमांक विषय स्‍थानीय आयोजक संस्‍था अवधि
1 हिंदी:सहस्राब्‍दी में प्रवेश हिंदी विभाग, कोलकाता विश्‍वविद्यालय 03-05 फरवरी, 2000
2 आधुनिक हिंदी साहित्‍य में जीवनी और आत्‍मकथा हिंदी साहित्‍य कला परिषद्, पोर्ट ब्‍लेयर, अंडमान- निकोबार 28-30 जनवरी, 2002
3 हिंदी और अन्‍य भारतीय भाषाएँ: अंत:संबंध दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, धारवाड़, कर्नाटक 19-20 दिसंबर, 2003
4 कोश विज्ञान और द्विभाषिक कोश-निर्माण की समस्‍याएँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, एर्नाकुलम, केरल 19-20 जनवरी, 2005
5 भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय चेतना भास्वर भाषा संस्कृति संस्थान, हैदराबाद 05-06 नवंबर, 2016
6 भारतीय आत्मकथा साहित्य विश्वव्यापक हिंदी संचार केंद्र, आइजॉल, मिजोरम  25-26 अक्टूबर, 2017
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